जून 28, 2025

बिहटा एयरपोर्ट से जुड़ेगा पटना एयरपोर्ट; उड़ानें होंगी और भी सुरक्षित

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बिहटा एयरपोर्ट
बिहटा एयरपोर्ट से जुड़ेगा पटना एयरपोर्ट; उड़ानें होंगी और भी सुरक्षित

आने वाले वर्षों में पटना का जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट अब बिहटा एयरपोर्ट के साथ मिलकर काम करेगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि पटना एयरपोर्ट को लेकर सुरक्षा चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। यह देश के सबसे खतरनाक एयरपोर्ट्स में से एक माना जाता है — यहां रनवे की लंबाई बड़ी फ्लाइट्स के लिए काफी कम है और एयरपोर्ट के फनल ज़ोन में एक क्लॉक टावर भी स्थित है।

हर फ्लाइट को पटना एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान झटका लगता है, और यह समस्या कई बार संबंधित अधिकारियों द्वारा चिन्हित की जा चुकी है। हाल ही में अहमदाबाद में हुई एक विमान दुर्घटना ने एक बार फिर पटना एयरपोर्ट की कमियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसलिए, पटना एयरपोर्ट को सुरक्षित बनाने के लिए अब उसे बिहटा एयरपोर्ट के साथ समन्वय में संचालित करने की योजना बनाई जा रही है — भौतिक रूप से नहीं, लेकिन कार्यात्मक रूप से।

हमने इस लेख में बिहटा एयरपोर्ट, पटना एयरपोर्ट पर रनवे विस्तार की योजनाएं, अंडरपास निर्माण, क्लॉक टावर हटाने, और दोनों एयरपोर्ट्स के संचालन की समयसीमा से जुड़ी सारी जानकारी कवर की है। आप नीचे दिए गए विषय-सूची की मदद से अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ सकते हैं:

पटना एयरपोर्ट पर रनवे विस्तार की योजनाएं

पटना एयरपोर्ट के रनवे विस्तार के लिए ज़मीन की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट की पूरी जानकारी आप हमारे एक पुराने लेख में यहाँ देख सकते हैं। हाल ही में प्रमंडलीय आयुक्त चंद्रशेखर सिंह ने भी पुष्टि की कि रनवे का विस्तार पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं में किया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने भी यही प्रस्ताव दिया है।

पश्चिम दिशा में लगभग 200 मीटर सरकारी ज़मीन रनवे विस्तार के लिए उपयोग में लाई जाएगी, क्योंकि यह ज़मीन अभी तक अप्रयुक्त है। जिलाधिकारी इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देंगे और फिर इसे राज्य कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। पूर्वी दिशा में चुनौती ज़्यादा है क्योंकि वहां पटना चिड़ियाघर है। लेकिन अधिकारी गोल्फ क्लब की ज़मीन को ट्रांसफर कर इस समस्या का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं। गोल्फ क्लब की कुल ज़मीन 102 एकड़ है, जिसमें से 50–55 एकड़ एक 18-होल गोल्फ कोर्स के लिए पर्याप्त होगी, बाकी ज़मीन चिड़ियाघर को दी जा सकती है।

भीड़भाड़ से निजात दिलाएगा नया अंडरपास

पटना चिड़ियाघर के गेट नंबर 2 (एयरपोर्ट के पूर्वी दिशा में) के पास एक नया अंडरपास बनाया जाएगा ताकि सड़क यातायात बेहतर हो सके। इसके अलावा आसपास की सड़कों में भी कुछ संरचनात्मक बदलाव करने होंगे ताकि विमानन सुरक्षा और शहरी बुनियादी ढांचे दोनों का संतुलन बना रहे।

वहीं, ब्रिटिश काल की एक धरोहर — एयरपोर्ट के पास स्थित क्लॉक टावर — पर भी बदलाव किए जाएंगे। इसके ऊंचाई को कम किया जाएगा ताकि यह विमानों के लिए बाधा न बने। AAI ने 17.5 मीटर ऊंचाई घटाने का प्रस्ताव रखा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह टावर अब चालू स्थिति में नहीं है, केवल सजावटी महत्व रखता है। इसलिए इसकी ऊंचाई कम करना बड़ी बात नहीं होगी।

बर्ड हिट का खतरा और पर्यावरणीय समाधान

पटना एयरपोर्ट के पास पक्षियों की उड़ान से बड़ा खतरा बना रहता है। इसका एक कारण है गर्दनीबाग में स्थित सेकेंडरी कचरा डंपिंग ज़ोन, जो पक्षियों को आकर्षित करता है। इसके अलावा चितकोहरा से अनिसाबाद रूट पर मौजूद मांस और मछली की दुकानों से भी बड़ी संख्या में पक्षी खिंचे चले आते हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि कचरा डंपिंग ज़ोन और इन दुकानों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा।

इसी के साथ रेलवे लाइन के दक्षिण हिस्से में जलभराव की समस्या भी है, जो पक्षियों के लिए एक आकर्षण का स्थान बन जाती है। इसे हल करने के लिए एक बड़े स्तर की ड्रेनेज योजना प्रस्तावित की गई है। इन सभी उपायों का उद्देश्य यह है कि जब तक बिहटा एयरपोर्ट पूरी तरह से चालू नहीं हो जाता, तब तक पटना एयरपोर्ट को सुरक्षित बनाया जा सके।

बिहटा एयरपोर्ट पटना एयरपोर्ट का विकल्प नहीं, सहयोगी होगा

कई लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या बिहटा एयरपोर्ट पटना एयरपोर्ट को पूरी तरह से बदल देगा? इसका जवाब है — नहीं। दोनों एयरपोर्ट एक साथ मिलकर काम करेंगे।

पटना एयरपोर्ट पर यात्री भार दिन-ब-दिन बढ़ रहा है, इसलिए अब दो एयरपोर्ट्स का एक साथ संचालन आवश्यक हो गया है। बिहटा एयरपोर्ट पटना एयरपोर्ट से करीब 35 किलोमीटर दूर है, इसलिए इनका भौतिक रूप से विलय संभव नहीं है, लेकिन दोनों के संसाधनों का एक साथ बेहतर उपयोग किया जाएगा।

बिहटा एयरपोर्ट का सामरिक महत्व

बिहटा एयरपोर्ट को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से विकसित किया जा रहा है। इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाया जाएगा — आधुनिक रनवे और टर्मिनल के साथ। यहां कार्गो और मिलिट्री ऑपरेशन्स के लिए भी अलग ज़ोन होगा। बिहटा में भविष्य में विस्तार के लिए भरपूर जगह उपलब्ध है, इसलिए यहां बड़े विमानों को आसानी से हैंडल किया जा सकेगा। इससे न सिर्फ भीड़भाड़ कम होगी बल्कि उड़ानों में देरी भी घटेगी। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति में यह एक वैकल्पिक ऑप्शन बन जाएगा।

इस प्रोजेक्ट की संभावित समयसीमा

प्रमंडलीय आयुक्त के अनुसार, पटना एयरपोर्ट का रनवे विस्तार 2027 तक पूरा हो जाएगा। वहीं, बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण में थोड़ा अधिक समय लग सकता है। हालांकि, इस परियोजना के लिए कोई आधिकारिक समयसीमा अभी तक सार्वजनिक रूप से घोषित नहीं की गई है।

एक बार जब बिहटा एयरपोर्ट पूरी तरह चालू हो जाएगा, तब पटना उन गिने-चुने भारतीय शहरों में शामिल हो जाएगा जहां दो एयरपोर्ट्स एक साथ चलते हैं — जैसे मुंबई और दिल्ली। इससे पैसेंजर और कार्गो ऑपरेशन्स में काफी सुधार आएगा और यात्रियों को एक बेहतर अनुभव मिलेगा।

निष्कर्ष

बिहटा एयरपोर्ट और पटना एयरपोर्ट का संयुक्त संचालन बिहार की एविएशन यात्रा का नया अध्याय होगा। अब राज्य के लोगों को फ्लाइट्स के लिए दूसरे राज्यों में जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। हाल ही में पटना एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भी शुरू किया गया है जिसे लेकर काफी उत्साह है। यह टर्मिनल और रनवे में किए जा रहे बदलाव पटना के हवाई सफर को पूरी तरह से बदल देंगे। लंबे इंतज़ार के बाद अब यह एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए भी चालू हो चुका है।

हालांकि, इन सबका असली लाभ तभी मिलेगा जब सभी इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य समय पर पूरे किए जाएं। चलिए, आशा करते हैं कि हमारा बिहार इस दिशा में जल्द आगे बढ़े।


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