जून 28, 2025

बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना: 9 प्रमंडलों में बनेगी 200-200 एकड़ की आधुनिक कॉलोनी

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बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना
बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना

बिहार सरकार ने संगठित शहरी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना की शुरुआत की है। इस परियोजना के तहत राज्य के सभी 9 प्रमंडलों में आधुनिक आवासीय कॉलोनियों का विकास किया जाएगा। हर टाउनशिप के लिए 200 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है — यानी कुल 1800 एकड़ जमीन पर यह विकास कार्य होगा।

सरकार ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को उपयुक्त भूमि की पहचान करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना को शीघ्र अमल में लाया जा सके।

हमने इस लेख में बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना से जुड़ी सारी जरूरी जानकारी दी है — किन जिलों को यह टाउनशिप मिल रही है, भूमि आवंटन की स्थिति, विकास की रणनीति, और यह योजना बिहार के शहरी स्वरूप को कैसे बदल सकती है। आप अपनी सुविधा के अनुसार नीचे दिए गए विषयों के अनुसार पढ़ सकते हैं:

सभी 9 प्रमंडलों में शुरू होगी बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना

पटना में आयोजित प्रभात खबर रियल एस्टेट कॉन्क्लेव में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार शुरू में बिहार के प्रत्येक प्रमंडल के एक प्रमुख शहरी केंद्र में इस योजना को लागू करेगी।

बिहार के 9 प्रमंडल हैं: पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, मुंगेर, सहरसा और सारण। इन 9 जिलों में प्रत्येक को 200 एकड़ में फैली एक सुव्यवस्थित आवासीय कॉलोनी दी जाएगी। यह योजना न केवल आधुनिक रिहायशी बस्तियों के विकास को गति देगी, बल्कि समग्र शहर नियोजन को भी मजबूती देगी।

भूमि की पहचान शुरू, प्रक्रिया तेज

नगर विकास एवं आवास विभाग (UDHD) ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना के लिए 200 एकड़ उपयुक्त भूमि की पहचान जल्द से जल्द करें। जैसे ही भूमि चिह्नित होगी, निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।

हालांकि अंतिम स्थानों की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन निम्न संभावित लोकेशन पर विचार किया जा रहा है:

  • पटना: बिहटा या संपतचक
  • मुजफ्फरपुर: एयरपोर्ट रोड या NH-28
  • भागलपुर: सबौर या NH-80
  • दरभंगा: लहेरियासराय या एयरपोर्ट क्षेत्र
  • गया: गया बायपास या बोधगया रोड
  • पूर्णिया: गुलाबबाग या कटिहार रोड
  • मुंगेर: जमालपुर-मुंगेर के बीच
  • सारण (छपरा): रिवेलगंज या NH-19
  • सहरसा: NH-107 या मधेपुरा रोड

ध्यान दें: ये स्थान अभी केवल प्रस्तावित हैं; अंतिम चयन प्रक्रियाधीन है।

भूमि पूलिंग नीति लागू होगी

बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना को सुचारु रूप से लागू करने के लिए सरकार एक भूमि पूलिंग नीति लागू करने की तैयारी कर रही है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के अनुसार यह नीति जबरन अधिग्रहण की बजाय, सहमति पर आधारित होगी, जिससे भूमि मालिकों के साथ सहयोग संभव हो सकेगा।

इस नीति के अंतर्गत सरकार केवल 10% भूमि का सीधा अधिग्रहण करेगी। बाकी 90% भूमि निजी मालिकों से पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के माध्यम से ली जाएगी।

यह नीति गुजरात, हरियाणा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पहले ही सफलतापूर्वक लागू हो चुकी है और इसके कारण विस्थापन और कानूनी विवादों में भारी कमी आई है।

रियल एस्टेट सेक्टर की सराहना

बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना की घोषणा के दौरान CREDAI (कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। उन्होंने इस परियोजना का स्वागत किया और PPP मॉडल के माध्यम से इसमें भागीदारी की रुचि भी जाहिर की।

उनका मानना है कि इससे बिहार के टियर-2 और टियर-3 शहरों में आवासीय विकास की अपार संभावनाएं सामने आएंगी और रियल एस्टेट सेक्टर को एक नई दिशा मिलेगी।

निष्कर्ष

बिहार ग्रीनफील्ड टाउनशिप परियोजना बिहार के शहरी विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है। 9 जिलों में 1800 एकड़ में फैली इन कॉलोनियों के निर्माण से न केवल आवासीय ढांचा विकसित होगा बल्कि शहरी नियोजन, इंफ्रास्ट्रक्चर और निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी बढ़ावा मिलेगा।

सफल क्रियान्वयन ही इस परियोजना की असली कसौटी होगी। यदि इसे समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरा किया गया, तो यह योजना देशभर के लिए शहरी विकास का एक मॉडल बन सकती है।

अगर आपने हाल ही में बिहार में स्वीकृत न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमारी रिपोर्ट नहीं पढ़ी है, तो आप यहां क्लिक कर सकते हैं।


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