बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट को मंजूरी, 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली भी मिलेगी

केंद्र सरकार ने बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 24 जून 2025 को पटना में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय ऊर्जा मंत्रियों के 5वें सम्मेलन में इसकी घोषणा की। यह फैसला बिहार की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान किया कि बिहार को अगले 6 महीनों में 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली दी जाएगी ताकि बढ़ती हुई ऊर्जा मांग को पूरा किया जा सके। बिहार लगातार आधारभूत संरचना, ऊर्जा, खेल और स्वास्थ्य के क्षेत्र में तरक्की कर रहा है।
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बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट को मंजूरी
बिहार सरकार ने न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, जिस पर तत्काल सहमति दी गई। पटना में आयोजित इस बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री खट्टर ने स्पष्ट किया कि न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना के हर पहलू—तकनीकी स्वीकृति, लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा प्रक्रियाओं—में केंद्र सरकार बिहार सरकार की पूरी मदद करेगी।
यह योजना पूरे देश में न्यूक्लियर एनर्जी को बढ़ावा देने की एक राष्ट्रीय पहल का हिस्सा है। हाल के वर्षों में केंद्र सरकार हर राज्य में ग्रीन एनर्जी, विशेषकर न्यूक्लियर एनर्जी को बढ़ावा देने पर ज़ोर दे रही है ताकि कोयले जैसी सीमित संसाधनों पर निर्भरता कम हो सके।
विजन 2035: ऊर्जा क्षेत्र का भविष्य
बैठक के दौरान खट्टर ने भारत सरकार की ‘विजन 2035’ योजना का ज़िक्र किया जिसके तहत हर राज्य में कम से कम एक न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस योजना के तहत देशभर में 6 छोटे मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर लगाने की योजना है, जिनमें से एक बिहार में लगाया जाएगा।
बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट नवीन प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बनाया जाएगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को बल मिलेगा।
बिहार को 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली
बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने की मंजूरी के अलावा, केंद्र सरकार ने बिहार को अगले 6 महीनों तक 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली देने का भी ऐलान किया। यह अतिरिक्त आपूर्ति त्योहार और मानसून के समय उच्च खपत की स्थिति को देखते हुए की जा रही है। यह बिजली राष्ट्रीय ग्रिड के माध्यम से राज्य को दी जाएगी ताकि कोई रुकावट न हो।
लोकेशन पर विचार जारी
हालांकि बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने की मंजूरी मिल गई है, लेकिन इसकी सटीक लोकेशन अभी तय नहीं हुई है। संभावित स्थानों का चयन ज़मीन की उपलब्धता, भूकंपीय स्थिरता, जल स्रोत और ट्रांसमिशन लाइनों की दूरी को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। अब जब आधिकारिक घोषणा हो चुकी है, तो ज़मीन चयन की प्रक्रिया में भी तेजी आने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार बक्सर, रोहतास और औरंगाबाद जैसे ज़िलों को संभावित लोकेशन माना जा रहा है, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
स्टोरेज और मांग का पूर्वानुमान
इसके अलावा बिहार सरकार ने 1000 मेगावाट की क्षमता वाले बिजली स्टोरेज सिस्टम की भी मांग रखी है ताकि अतिरिक्त बिजली को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से स्टोर किया जा सके। साथ ही, न्यूक्लियर पावर प्लांट के चलते भविष्य में मांग और आपूर्ति को संतुलित करने के लिए लोड-बैलेंसिंग की प्रभावी व्यवस्था भी जरूरी होगी।
केंद्र सरकार इस मांग को आगामी ऊर्जा नीतियों में शामिल करने पर विचार कर रही है। ऐसे सिस्टम भविष्य में बिहार की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
निष्कर्ष
मनोहर लाल खट्टर द्वारा की गई इस घोषणा के साथ अब बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट के निर्माण से जुड़ी प्रक्रियाएं तेज़ी से आगे बढ़ेंगी। यह निर्णय ‘विजन 2035’ के राष्ट्रीय रोडमैप को मज़बूती देगा और बिहार की ऊर्जा जरूरतों को दीर्घकालिक समाधान प्रदान करेगा।
हाल ही में सरकार ने पीरपैंती थर्मल पावर प्लांट के लिए भी टेंडर जारी किया है। यह एक मेगा प्रोजेक्ट है जो बिहार को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
