Maa Janaki Janmabhoomi Temple : नितीश कुमार ने किया भव्य मंदिर का डिज़ाइन जारी

Maa Janaki Janmabhoomi Temple Update : सबसे प्रतीक्षित मां जानकी जन्मभूमि मंदिर का डिज़ाइन अब सार्वजनिक हो गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे जारी किया। यह मंदिर माता सीता के जन्मस्थान सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में बनाया जाएगा। यह हर बिहारी के लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि अब माता सीता के जन्मस्थान पर भी एक भव्य मंदिर बनेगा। इस स्थान को अयोध्या राम मंदिर सर्किट से भी जोड़ा जाएगा ताकि श्रद्धालुओं के लिए इसकी पहुंच और आसान हो सके।
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मां जानकी जन्मभूमि मंदिर का डिज़ाइन और विशेषताएं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस प्रस्तावित डिज़ाइन को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर साझा किया। यह मंदिर परिसर 57 एकड़ में फैला होगा। डिज़ाइन में एक बहु-मंज़िला मंदिर संरचना, एक भव्य द्वार और 251 फीट ऊंची माता सीता की प्रतिमा शामिल है।
डिज़ाइन के अनुसार, मंदिर परिसर में एक पुनर्निर्मित जानकी कुंड, मंदिर मंडप, प्रशासनिक भवन और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं भी होंगी। आस-पास के क्षेत्रों को भी सुंदर तरीके से विकसित किया जाएगा।
मां जानकी जन्मभूमि मंदिर के लिए निवेश और भूमि अधिग्रहण
पुनौरा धाम के विकास के लिए ₹143 करोड़ पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं। इन पैसों से मौजूदा मंदिर क्षेत्र के आस-पास की 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। पूरे मंदिर निर्माण के लिए कुल अनुमानित लागत ₹600 करोड़ बताई गई है।
यह परियोजना बिहार सरकार द्वारा हाल के वर्षों में शुरू की गई सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है। यह सीतामढ़ी क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी, जैसे अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के बाद हुआ था।
ट्रस्ट की भूमिका और निर्माण की समय-सीमा
एक समर्पित मंदिर ट्रस्ट इस निर्माण प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है। मंदिर की आधारशिला 13 दिसंबर 2023 को रखी गई थी, जबकि निर्माण कार्य 2025 की शुरुआत में शुरू होगा।
अयोध्या राम मंदिर का निर्माण करने वाली एजेंसी ही इस मंदिर का निर्माण भी करेगी, और वे यह कार्य पूरी तरह नि:शुल्क श्रद्धा भाव से करेंगे। हालांकि निर्माण की सटीक समय-सीमा की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इसे 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा, ऐसी संभावना है।
पुनौरा धाम का धार्मिक महत्व
पुनौरा धाम हिंदू आस्था में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि यही माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है। वर्तमान में यहां स्थित मां जानकी जन्मस्थली पहले से ही श्रद्धालुओं के लिए एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।
प्राचीन कथा के अनुसार, एक बार मिथिला राज्य में सूखा पड़ा हुआ था। राजा जनक से प्रजा ने अनुरोध किया कि वे स्वयं हल चलाएं ताकि देवता प्रसन्न हों। जब राजा जनक खेत जोत रहे थे, तो हल की नोक से जमीन के नीचे कुछ कठोर वस्तु टकराई। जब जमीन को खोदा गया, तो वहां एक सोने की पेटी मिली जिसमें एक दिव्य कन्या थी।
यह वही स्थान है जिसे आज पुनौरा धाम के नाम से जाना जाता है। उस कन्या का नाम सीता रखा गया, जो “सीत” शब्द से निकला है — अर्थात हल की नोक। राजा जनक ने उस कन्या को गोद लिया और वह मिथिला की राजकुमारी बनीं।
इस ऐतिहासिक स्थल पर एक भव्य मंदिर बनने से यहां लाखों श्रद्धालु हर वर्ष आकर्षित होंगे, विशेषकर राम नवमी और विवाह पंचमी जैसे पर्वों के अवसर पर। यह मंदिर निर्माण लंबे समय से लंबित था, लेकिन अब डिज़ाइन सार्वजनिक हो जाने के बाद तेजी से कार्य होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
पुनौरा धाम में बनने वाला मां जानकी जन्मभूमि मंदिर न केवल बिहारियों बल्कि पूरे भारतवासियों के लिए गर्व का विषय है। माता सीता के जन्मस्थान को सम्मान देने की वर्षों पुरानी इच्छा अब पूरी होने जा रही है। यह मंदिर बिहार को भारत के आध्यात्मिक पर्यटन मानचित्र पर एक नई ऊंचाई देगा।
अगर आपने हमारा पिछला रिपोर्ट पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर पर नहीं पढ़ा है, तो आप उसे यहां पढ़ सकते हैं।
