Nitish Kumar’s Big Move: बुज़ुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों के लिए ₹1,100 पेंशन का ऐलान

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार सामाजिक सुरक्षा पेंशन 2025 के तहत दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर ₹1,100 कर दिया है। पहले यह पेंशन ₹400 प्रति माह थी।
यह ऐलान उन्होंने 20 जून को सीवान ज़िले में एक जनसभा के दौरान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बिहार के 1.09 करोड़ से ज़्यादा बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग नागरिकों को हर महीने यह बढ़ी हुई पेंशन राशि मिलेगी। यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब बिहार विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं।
हमने इस लेख में पेंशन वृद्धि से जुड़ी हर जरूरी जानकारी दी है — जैसे नई राशि, लाभार्थियों की पात्रता, नीतीश कुमार का बयान, चुनावी राजनीति का असर और यह योजना कब से लागू होगी।
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जुलाई 2025 से लागू होगी बढ़ी हुई पेंशन
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बढ़ी हुई ₹1,100 की पेंशन जुलाई 2025 से लागू होगी। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के ज़रिए भेजी जाएगी। इस प्रणाली से पारदर्शिता बनी रहती है और समय पर मदद पहुंचती है।
नीतीश कुमार के फैसले के पीछे की राजनीति
नीतीश कुमार का यह फैसला ऐसे समय आया है जब बिहार में चुनाव की हलचल तेज़ हो चुकी है। राजनीतिक विश्लेषक इस ऐलान की तुलना विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की वादों से कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने अपनी ‘माई-बहन सम्मान योजना’ के तहत ₹2,500 की पेंशन देने का वादा किया था। साथ ही ₹500 में गैस सिलिंडर और हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने की बात भी कही थी।
अब नीतीश कुमार का पेंशन को लगभग तीन गुना बढ़ाकर ₹1,100 कर देना — तेजस्वी के वादों का सीधा जवाब माना जा रहा है।
जदयू नेता का तेजस्वी पर हमला
जदयू के विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने मंच ‘X’ पर लिखा:
“मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समय पर, सम्मान के साथ विधवाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को ₹1,100 की सहायता राशि दी है। अब आप (तेजस्वी) आलोचना से फुर्सत पाकर अपने अरबों की संपत्ति बेचकर लालू/तेजस्वी पेंशन योजना शुरू क्यों नहीं करते?”
नीरज कुमार का यह बयान राजनीतिक तकरार को और गहरा करता है। जदयू खुद को “विकास और समय पर काम करने वाली पार्टी” के रूप में पेश कर रही है। और साथ ही, तेजस्वी यादव की संपत्ति को लेकर टिप्पणी — घोटालों की ओर इशारा भी करती है।
नीतीश कुमार के फैसले से कौन-कौन होंगे लाभार्थी?
इस पेंशन योजना से 1.09 करोड़ से ज्यादा जरूरतमंद लोग लाभान्वित होंगे। इनमें शामिल हैं:
- ऐसे बुजुर्ग जिनके पास कोई स्थायी आमदनी नहीं है
- विधवाएं जो आर्थिक रूप से संघर्ष कर रही हैं
- दिव्यांग नागरिक जो जीवन यापन में कठिनाई झेल रहे हैं
यह कदम इन वर्गों की जिंदगी में आर्थिक स्थिरता, आत्मसम्मान और राहत लेकर आएगा।
इस फैसले का क्या है महत्व?
यह सिर्फ पेंशन वृद्धि नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर एक बड़ा संदेश है — कि नीतीश कुमार की सरकार सामाजिक न्याय और ज़रूरतमंदों के प्रति गंभीर है।
वहीं, जुलाई 2025 से इसे लागू कर देना ये भी दिखाता है कि ये सिर्फ चुनावी घोषणा नहीं, जमीन पर उतरने वाली योजना है। इससे नीतीश कुमार को चुनाव में राजनीतिक बढ़त मिलने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
जैसे-जैसे बिहार चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीतिक गतिविधियाँ बढ़ती जा रही है। इस बीच पेंशन को ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 कर देना, इस साल के चुनाव से पहले की सबसे बड़ी कल्याणकारी घोषणा मानी जा रही है।
तेजस्वी यादव के महंगे वादों ने भले ही लोगों की उम्मीदें बढ़ा दी हों, लेकिन नीतीश कुमार ने एक ठोस और लागू करने योग्य कदम से जवाब दिया है।
हाल ही में बिहार सरकार के गन्ना विभाग ने घोषणा की है कि 2026 के अंत तक बिहार में 9 एथेनॉल प्लांट शुरू हो जाएंगे। आप इस खबर को विस्तार से यहां पढ़ सकते हैं।
